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“शादी” इन्टरनेट .कॉम से

Kuch Mai bhi Kahun?
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“शादी” इन्टरनेट .कॉम से

एक जमाना था जब लड़का-लड़की के माता –पिता अपने रिश्तेदारों और पड़ोसी से कहते सुने जातें थे “कि गुप्ता जी कोई लड़की हो तो बताना अपने गोपाल के लिए , ज्यादा कुछ नही बस अच्छा खानदान और सुशील लड़की चाहिए” | आज के समय में रिश्तेदारों और समय दोनों की भूमिका और स्थिति में परिवर्तन हो गया है | जहाँ रिश्तेदार अब किसी तरह के ‘पचड़े ’ में नही पड़ना चाहते,वहीँ समय की कमी भी एक मुख्य कारण है कि आज इन रिश्तेदारो की जगह  मैट्रिमोनिअल वेब साइट्स ने ले ली है जो आपको “बेस्ट लाइफ पार्टनर” देने का वादा करतीं हैं | जैसे कि शादी .कॉम की टैग लाइन है, “कम फाइंड लव , अरेंज्ड बाय शादी .कॉम” ,वही जीवनसाथी .कॉम कहता है ,“वी मैच बेटर” | लगभग ३० लाख से भी ज्यादा लोग इन साईट पर रजिस्टर्ड हैं अपने पार्टनर की तलाश में| परन्तु प्रश्न ये उठता है कि क्या पार्टनर की तलाश यहाँ आ के पूरी हो जाती हैं ? क्या इतना आसान है वर्चुअल वर्ल्ड में अपना पार्टनर ढूढ़ना ,जहाँ आप उसके बारे में कुछ नही जानते ? हमे फेसबुक और अन्य सोशल वेबसाइट पर तो अपरिचित लोगो को फ्रेंडलिस्ट में न जोड़ने की सलाह दी जाती | वहीँ इन वेबसाइट पर हम अनजान और अपरिचित लोगो से शादी की बात करतें हैं जो कि ज़िन्दगी का इतना अहम् फैसला होता है|  अपने साथी की तलाश करना इन मैट्रिमोनिअल वेब साइट्स पर कितना कठिन या कहे आसान है यह जाने इन पर रजिस्टर्ड कुछ लोगो से |

एच. आर. प्रोफेशनल रूचि का कहना कि इन वेबसाइट पर पार्टनर की सबसे पहली डिमांड होती कि अपना व्हाट्सएप नंबर और रीसेंट फुल पिक भेजो | एक परम्परावादी विचारधाराओं  से सम्बंधित परिवार की लड़की के लिए ये आसान नही है | फिर वह कहतें हैं कि पहले हम व्हाट्सएप पर बात करेंगे ,फिर फ़ोन पर ,फिर मिलेगें और तब अगर अच्छा लगा तो फिर घरवालों को बोलेंगे | कभी कभी ऐसा लगता है कि हम शादी नही बल्कि कोई बिज़नस डील कर रहे हैं | सबसे कठिन काम होता है हर बार अपना व्हाट्सएप नंबर और रीसेंट पिक देना और हर बार वही बातें फिर से करना | अगर देखा जाये तो वो टाइम अच्छा था जब मम्मी पापा लड़के से बात करके शादी तय कर देते थे| |

यू. एस . में सॉफ्टवेर इंजिनियर आशीष के अनुसार ये वेबसाइट उपयोगी भी हैं और नही भी | आप एक प्रोफाइल से बात करतें हैकि तभी आप को एक और अच्छा प्रोफाइल मिल जाता है और आप उधर मुड़ जातें हैं इस तरह  प्रोफाइल बदलते रहते हो और अंत तक आप सर्च करते रह जाते हो | सबसे अच्छा है कि आप किसी को व्यक्तिगत तौर पर जिसे जानो, उससे ही शादी कर लो|

अकादमिक फील्ड की आकांक्षा के अनुसार कुछ प्रोफाइल अपने बारे में ऐसी बातें लिखतें हैं कि उनकों चाह कर भी एक्सेप्ट नही कर पातें हैं और न ही रिक्वेस्ट भेज पातें हैं ,”जैसे कि हमारे पास में बेंगलो है और केवल स्टेटस फॅमिली ही कांटेक्ट करें | हमारे बेटा फ्यूचर में इतने करोड़ की पैत्रक प्रॉपर्टी पायेगा | हमारे बेटे के पास एक स्विफ्ट डिजायर है और एक लैब्राडोर भी |” ऐसा लगता है कि शादी हम लड़के से नही बल्कि उसके आस पास कि चीजों से करेंगे | साथ ही अधिकतर प्रोफाइल प्रोफेशनल सेक्टर के होतें है और अकादमिक फील्ड में विकल्प काफी कम मिलतें हैं |

फिजियोथेरेपिस्ट शारिक खान का मानना है कि ये वेबसाइट हमारे लिए पचास प्रतिशत उपयोगी हैं | हमारी कम्युनिटी में अभी इतनी एजुकेशन नही है इसलिए अपने ही जैसे मानसिक स्तर का साथी  मिलना कठिन हो जाता है| ऐसे में अच्छी बात यह है कि यहाँ पर आप को कई सारे विकल्प मिलतें हैं जो आपको सामान्यतः नही मिल पातें परन्तु यह भी सत्य है कि अधिकतर प्रोफाइल फर्जी होतें है| कुछ का कुछ लिखा होता है| इसके साथ ही एक अच्छी साथी की तलाश के लिए यह वेबसाइट आप का काफी समय भी चाहिती हैं जो कि देना मुश्किल हो जाता है |

मार्केटिंग प्रोफेशनल रजत मानतें हैं कि इन वेबसाइट पर पार्टनर खोजना उतना ही कठिन है जितना की हीरा | लडकियां आप से सैलरी और फॅमिली स्टेटस जानने के बाद ही बात करतीं हैं|  कुछ तो सीधे आप से कहतीं हैं कि मेरा खुद का खर्च  चालीस हज़ार और तुम्हारी सैलरी सत्तर हज़ार तो बाकी खर्च कैसे उठोगे ? साथ ही लड़कियों की संख्या लड़को के तुलना में कम है इसलिए लड़को के पास विकल्प भी कम होतें हैं|

रिसर्च प्रोफेशन से शाजिया का कहना कि ये वेब साइट्स हमको बेस्ट पार्टनर देने का दावा करतीं है | क्या इतना आसान है किसी अपरचित से दों बातें करके उसको अपना जीवन साथी बनाने का निर्णय लेना  ? सबसे बड़ी बात यह कि लड़के खुद आगे आतें है और चाहतें कि लड़की भी खुद निर्णय ले| परिवार का तो कहीं कोई जिक्र नही होता | पहले रिश्ता खानदानो का होता था पर आज इन वेबसाइट के कारण यह दो लोगो में सिमट कर रह गया है |

बिज़नसमैन स्वरूप  के अनुसार ,” मेरी शादी इन ही वेबसाइटस से हुई है इसलिए मेरे लिए तो अच्छी हीं हैं |” परन्तु हाँ ,पार्टनर सर्च करना इतना आसान नही होता| उलझन तब होती है जब इंटरेस्ट एक्सेप्ट करने के बाद भी लड़की वाले काफी समय तक कोई जवाब नही देतें| यहाँ तक कई लोग इतने प्रोफेशनल होतें कि वह कई लोगो को ‘लाइन अप’ करतें और आप को बोल देतें है “ आप भी लाइन में हैं | आप बात करतें रहे अगर समझ आया तो आगे बढेंगे |”  ऐसा लगता है कि शादी नहीं ट्रेन की वेटिंग क्लियर होने की बात चल रही है|

अगर देखा जाए तो आज की इस भाग दौड़ की ज़िन्दगी में यह मैट्रिमोनिअल वेब साइट्स जीवनसाथी की तलाश में एक अहम् भूमिका निभाती  हैं|  वही कहीं न कहीं ये इस खूबसूरत से रिश्ते को कभी कभी एक व्यापारिक समझोते में भी तब्दील कर देतीं हैं| तो प्रश्न वही है कि वाकई में क्या इतना आसन है बेस्ट लाइफ पार्टनर का मिलना ?

लेखक – प्रगति शुक्ला (  रिसर्चएर और अकादेमिशियन है )

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